Sunday, April 17, 2011

,प्यार की वफ़ा .......

एक चिडिया को एक सफ़ेद गुलाब से प्यार हो गया , उसने 
गुलाब को प्रपोज किया ,
गुलाब ने जवाब दिया की जिस दिन मै लाल हो जाऊंगा,
 उस दिन मै तुमसे प्यार करूँगा ,

जवाब सुनके चिडिया गुलाब के आस पास काँटों में लोटने,
लगी और उसके खून से गुलाब लाल हो गया,
ये देखके गुलाब ने भी उससे कहा की वो उससे प्यार करता,
 है पर तब तक चिडिया मर चुकी थी,

इसीलिए कहा गया है की सच्चे प्यार का कभी भी,
 इम्तहान नहीं लेना चाहिए,
क्योंकि सच्चा प्यार कभी इम्तहान का मोहताज नहीं होता
 है ,ये वो फलसफा; है जो आँखों से बया होता है ,

ये जरूरी नहीं की तुम जिसे प्यार करो वो तुम्हे प्यार दे ,
बल्कि जरूरी ये है की जो तुम्हे प्यार करे तुम उसे जी भर
 कर प्यार दो,
फिर देखो ये दुनिया जन्नत सी लगेगी प्यार खुदा की ही बन्दगी है ,
खुदा भी प्यार करने वालो के साथ रहता,

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