आजकल शायद ही कोई समझता हो प्यार का सही मतलब,
हर कोई हर किसी से पूछता है की क्या आपने कभी प्यार किया है
तो सबका जवाव होता है की "हाँ किया है "पर क्या वो सच में प्यार करते है या धोखा देते है खुद को भी और दुसरो को भी,
अगर उन्ही जवाव देने वालो से पुछा जाये की प्यार क्या होता है तो उनका जवाव होगा की हमे नहीं मालूम या कुछ का जवाव होगा
की प्यार का नाम मस्ती होता है,सच कहा जाये
तो आजकल प्यार का सही अर्थ युवा पीढ़ी जानती ही नहीं,
प्यार करते सभी है पर मतलब उन्हें कुछ नहीं पता होता
अगर पता होता तोह शायद प्यार के साथ पछतावे का नाम नहीं होता
क्योकि जहा प्यार की सच्चाई है वही धोखा भी साथ चला आता है
अगर दो लोगो में प्यार है तो उनमे से एक शायद धोखेबाज निकलता है
उसके लिए दुसरे के जज्बात सिर्फ खिलौना होता है ,
शायद इसीलिए प्यार का नाम आज बदनामी से जुडा है....
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