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Monday, February 14, 2011
हमको भुलाना नहीं
'हँसा' कर किसी दिन रुला मत देना,
'ख़ास' बना कर कभी ग़ैर मत बना देना,
मन की रोज़ आपसे हम बात नहीं करते,
ये बहाना बना कर कभी 'भुला' मत देना,
1 comment:
वीरेंद्र सिंह
February 15, 2011 at 6:24 AM
बहुत ख़ूब....
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बहुत ख़ूब....
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