Tuesday, June 7, 2011

सच्ची वफ़ा की क़ीमत.....

एक चिडिया को एक सफ़ेद गुलाब से प्यार हो गया , उसने  गुलाब को प्रपोज किया ,
गुलाब ने जवाब दिया की जिस दिन मै लाल हो जाऊंगा, उस दिन मै तुमसे प्यार करूँगा ,

जवाब सुनकर चिडिया गुलाब के आस पास काँटों में लोटने,
लगी और उसके खून से गुलाब लाल हो गया,
ये देखके गुलाब ने भी उससे कहा की वो उससे प्यार करता,
 है पर तब तक चिडिया मर चुकी थी,

इसीलिए कहा गया है की सच्चे प्यार का कभी भी,
 इम्तहान नहीं लेना चाहिए,
क्योंकि सच्चा प्यार कभी इम्तहान का मोहताज नहीं होता
 है ,ये वो फलसफा; है जो आँखों से बया होता है ,

ये जरूरी नहीं की तुम जिसे प्यार करो वो तुम्हे प्यार दे ,
बल्कि जरूरी ये है की जो तुम्हे प्यार करे तुम उसे जी भर कर प्यार दो,
फिर देखो ये दुनिया जन्नत सी लगेगी प्यार खुदा की ही बन्दगी है ,
खुदा भी प्यार करने वालो के साथ रहता,



नोट:-   प्रिय ब्लॉग पाठकों मेरी एक पूर्व प्रकाशित रचना  आपके  आशीर्वाद के लिए 
           फिर से पोस्ट की है. इसे पढ़कर अपना एक आशीर्वाद दें और  
           मेरा  उत्साह  वर्धन  करें.
 .

3 comments:

  1. उत्कृष्ट प्रस्तुति , आभार.



    कृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारने का कष्ट करें, आभारी होऊंगा .

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  2. सुन्दर रचना, आपके ब्लॉग पर आकर अच्छा लगा, आपसे अनुरोध है की प्रेम व भाईचारा के प्रतीक " "हमारी खबर "पर आकर follower बनकर हमारा सहयोग करें. हम आपकी प्रतीक्षा करेंगे. हमारा पता है.........http://hamariadalat.blogspot.in/

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